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गांव की गोद में खिल रही शिक्षा की बगिया: शिक्षिका मीना दुबे बनीं बदलाव की प्रेरणा

उत्तर प्रदेश सीतापुर

गांव की गोद में खिल रही शिक्षा की बगिया: शिक्षिका मीना दुबे बनीं बदलाव की प्रेरणा

 

सीतापुर, 23 मई 2025 (सू.वि.) – उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद के सिधौली विकासखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय गंगापुर की शिक्षिका श्रीमती मीना दुबे आज ग्रामीण शिक्षा जगत में एक मिसाल बन चुकी हैं। उनके प्रयासों से यह विद्यालय केवल पढ़ाई का स्थान नहीं, बल्कि बच्चों के समग्र विकास की जीवंत प्रयोगशाला बन गया है।

 

शिक्षा में नवाचार की मिसाल

श्रीमती मीना दुबे की शिक्षण शैली ‘खेल में शिक्षा, प्रेम में अनुशासन’ के सिद्धांत पर आधारित है। वे बच्चों को केवल पाठ्यक्रम ही नहीं पढ़ातीं, बल्कि उन्हें जीवन मूल्यों, संस्कारों और व्यवहारिक ज्ञान से भी जोड़ती हैं। कहानियों, कविताओं, चित्रकला, समूह चर्चा और नाट्य रूपांतरण के माध्यम से वे पढ़ाई को आनंददायक अनुभव बनाती हैं।

 

विद्यालय बना सामाजिक परिवर्तन का केंद्र

ग्रामीण परिवेश में कार्य करते हुए भी श्रीमती दुबे का दृष्टिकोण अत्यंत प्रगतिशील है। उनके नेतृत्व में विद्यालय में पौधरोपण, स्वच्छता अभियान, योग सत्र और बाल सभाओं जैसे आयोजन नियमित रूप से होते हैं। इन गतिविधियों से बच्चों में नेतृत्व क्षमता, जिम्मेदारी और सामाजिक चेतना का विकास हो रहा है।

 

समुदाय से मिल रही सराहना

श्रीमती मीना दुबे के नवाचारी प्रयासों को न केवल अभिभावकों और स्थानीय समुदाय, बल्कि शिक्षा विभाग द्वारा भी खूब सराहा गया है। ब्लॉक स्तर की बैठकों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उनके कार्यों को “बेस्ट प्रैक्टिसेस” के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

 

एक शिक्षक, अनेक प्रेरणाएं

ऐसे समय में जब शिक्षा प्रणाली में नवाचार और समर्पण की ज़रूरत महसूस की जा रही है, श्रीमती मीना दुबे जैसे शिक्षक उम्मीद की किरण हैं। वे सिद्ध करती हैं कि सच्चे इरादे और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ एक शिक्षक भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है।

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